शहीद स्मारक के चिन्हीकरण का विरोध

शहीद स्मारक को राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर से अतिक्रमण के दायरे में चिह्नित किए जाने पर आक्रोशित राज्य आंदोलनकारियों ने तहसील परिसर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। बृहस्पतिवार को उत्तराखंड शहीद स्मारक समिति के मुख्य संरक्षक वेदप्रकाश के नेतृत्व में राज्य आंदोलनकारी तहसील परिसर में एकत्रित हुए। यहां पर उन्होंने शासन-प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की और एसडीएम प्रेमलाल को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आंदोलनकारियों ने बताया कि यह धर्म स्थल उत्तराखंड के 42 शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में बनाया गया है। इस स्मारक को बने हुए लगभग 21 वर्ष हो गए हैं। राष्ट्रीय राज मार्ग की ओर से शहीद स्मारक को अतिक्रमण की जद में लाकर उसे चिह्नित किया गया है। इससे राज्य आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है। आंदोलनकारियों ने कहा कि इस भूमि को श्री भरत मंदिर सोसायटी ने शहीद स्मारक बनाने के लिए दान की है। अतिक्रमण के नाम पर अगर शहीद स्मारक को तोड़ा गया तो राज्य आंदोलनकारी इसका जमकर विरोध करेंगे। उन्होंने उपजिलाधिकारी से शहीद स्मारक को बचाने की मांग की है।



इस मौके पर विक्रम भंडारी, गंभीर मेवाड़, मनीषा वर्मा, रामेश्वरी चौहान, मीना रावत, देवकी देवी, बृजेश डोभाल, शकुंतला सिंह, गोदांबरी खंडूड़ी, जयंती नेगी, गुलाबी देवी, आशीष जोशी, सुरेंद्र उनियाल, गोविंद रावत, सुशीला पोखरियाल, विद्यावती सेमवाल, विजय पंत, पुष्पा शर्मा, लीला कपरूवाण, मुन्नी ध्यानी, सरोजनी थपलियाल, सोमवती पाल, यशोदा नेगी, उर्मिला डबराल, पूर्णा राणा, शीला भंडारी, अंजू गैरोला, रोशनी देवी, कृष्णा देवी, रमा रावत, शकुंतला नेगी आदि मौजूद रहे।